वराहगिरि वेंकट गिरि - Varahgiri-Venkat-Giri: 4th President of India

वराहगिरि वेंकट गिरि : Biography & Short Introduction

वी.वी. गिरि के नाम से प्रसिद्ध भारत के चौथे राष्ट्रपति वराहगिरि वेंकट गिरि का जन्म 10 अगस्त, 1894 को ओडिशा के गंजाम ज़िले के बेहरामपुर में हुआ था।

वी.वी. गिरि ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बेहरामपुर से ही प्राप्त की और उसके पश्चात् वे कानून का अध्ययन करने के लिए आयरलैंड चले गए, वहाँ वे भारत और आयरलैंड दोनों देशों की राजनीति में काफी सक्रिय थे, जिसके चलते उन्हें 1 जून, 1916 को आयरलैंड छोड़ना पड़ा।

वी. वी. गिरि 'अखिल भारतीय रेलवे कर्मचारी संघ' और 'अखिल भारतीय व्यापार संघ' (कांग्रेस) के अध्यक्ष भी रहे।

वर्ष 1916 में वे भारत लौटे और मद्रास उच्च न्यायालय में शामिल हो गए।

कालांतर में वे कांग्रेस में शामिल होकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी सक्रिय हो गए।

वर्ष 1934 में वे इम्पीरियल विधानसभा के भी सदस्य नियुक्त हुए तथा वर्ष 1937 तक इस पद पर रहे।

वर्ष 1951 के आम चुनावों में, वह मद्रास में लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से पहली लोकसभा के लिए चुने गए थे और वर्ष 1952-54 के बीच केंद्रीय श्रम मंत्री के तौर पर कार्य किया।

इसके बाद वर्ष 1957 से वर्ष 1967 के बीच उन्होंने उत्तर प्रदेश (1957-1960), केरल (1960-1965) और कर्नाटक (1965-1967) के राज्यपाल के रूप में कार्य किया।

13 मई, 1967 को वी.वी. गिरि भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति के तौर पर चुने गए।

वराहगिरि वेंकट गिरि पहले उपराष्ट्रपति थे जिन्होंने अपना कार्यकाल पूरा नहीं किया था।

वर्ष 1969 में राष्ट्रपति चुनाव हुए और वी.वी. गिरि को भारत के चौथे राष्ट्रपति के तौर पर चुन लिया गया।

वी.वी. गिरि वर्ष 1974 तक भारत के राष्ट्रपति रहे, वर्ष 1975 में उन्हें 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया।

24 जून, 1980 को उनकी मृत्यु हो गई।


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