Jokes in hindi -मैं खुद हैरान हूँ की कब बना- vk - aaiye hanste hain
एक दिन संता के देर से काम पहुँचने पर मेनेजर बोला, “लेट क्यों हो गए ?“
संता, “बस स्टॉप पर एक आदमी का सौ का नोट खो गया था, इस वजह से देर हो गई।“
मेनेजर, “अच्छा! तो तुम नोट ढूँढने में उसकी मदद कर रहे थे?“
संता – “नहीं सर! दरअसल मैं उस नोट के ऊपर खड़ा था”
बंता – अरे तू इतना मोटा कैसे हो गया
संता- हमारे घर में फ्रिज नहीं है ना
बंता- तो?
संता – कुछ बचा नहीं सकते, सब खाना पड़ता है
संता का बेटा: मां दिवाली आने वाली है, इस बार पटाखे इस दुकान से लुंगा!
मां:-हरामजादे, ये पटाखों की दुकान नहीं, लड़कियोंका हॉस्टल है
संता का बेटा: मुझे क्या पता, एक दिन पापा कह रहे थे कि यहां एक से एक धांसु पटाखे है
यूरोप से संता का एक दोस्त भारत घूमने आया, तो संता उसे घुमाने ले गया।
क्रुतुब मीनार के पास पहुँच कर संता का दोस्त उससे बोला।
दोस्त: ये क़ुतुब मीनार कितने दिन में बना है?
संता: दो महीने में।
दोस्त: ये हमारे मुल्क में तो एक महीने में बन जाता है।
थोडा आगे जाने के बाद दोस्त ने फिर संता से पूछा।
दोस्त: ये लाल किला कितने दिन में बना है?
संता: सिर्फ एक महीने में।
दोस्त: हमारे मुल्क में तो दो हफ्तों में बन जाता है।
जब वे दोनों ताज महल के पास से गुज़रे तो दोस्त ने संता से फिर पूछा।
दोस्त: ये ताज-महल कितने दिन में बना है?
संता: मैं खुद हैरान हूँ की कब बना, कल शाम को तो नहीं था।
चंपकलाल से उसकी पत्नी बोलीं, “सुनो! तुम्हारा जिगरी दोस्त चम्पू शादी करने जा रहा है, और जिस लड़की से उसकी शादी होने वाली है, वह बिलकुल घटिया है। तुम्हारे चम्पू का जीवन बरबाद हो जाएगा। चलो, चलकर उसे समझाएँ।”
“मैं नहीं जाऊँगा। मुझे कौन समझाने आया था?” चंपकलाल ने गुस्से से कहा।