धर्म डेस्क, नई दिल्ली। शारदीय नवरात्र का पर्व बेहद शुभ माना जाता है। यह एक ऐसा हिंदू त्योहार है जो नौ रातों और दिनों तक चलता है। इस साल यह शुभ अवसर 03 अक्टूबर से शुरू हुआ है। वहीं, इसका समापन 11 अक्टूबर को होगा। नवरात्र के छठवें दिन मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की पूजा होती है। देवी की पूजा करने से जीवन के सभी दुखों का अंत होता है। ऐसा माना जाता है अगर आप व्रत (Shardiya Navratri 2024 Day 6) का पूर्ण फल प्राप्त करना चाहते हैं, तो उनकी स्तुति, मंत्र का जाप करने के बाद करें। ऐसा करन से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होगी।

।।कात्यायनी की स्तुति।।

''या देवी सर्वभू‍तेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः''॥

।।मां कात्यायनी की प्रार्थना।।

''चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।

कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥

मां कात्यायनी बीज मंत्र

क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:''।।

।।मां कात्यायनी की आरती।। (Maa Katyayani Ki Aarti)

जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।

जय जगमाता, जग की महारानी।

बैजनाथ स्थान तुम्हारा।

वहां वरदाती नाम पुकारा।

कई नाम हैं, कई धाम हैं।

यह स्थान भी तो सुखधाम है।

हर मंदिर में जोत तुम्हारी।

कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।

हर जगह उत्सव होते रहते।

हर मंदिर में भक्त हैं कहते।

कात्यायनी रक्षक काया की।

ग्रंथि काटे मोह माया की।

झूठे मोह से छुड़ाने वाली।

अपना नाम जपाने वाली।

बृहस्पतिवार को पूजा करियो।

ध्यान कात्यायनी का धरियो।

हर संकट को दूर करेगी।

भंडारे भरपूर करेगी।

जो भी मां को भक्त पुकारे।

कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।

 Source: दैनिक जागरण तथा जागरण न्यू मीडिया