मलेरिया - मच्छर जनित रक्त रोग -एक बीमारी - VK blog
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मलेरिया:
- मलेरिया एक मच्छर जनित रक्त रोग (Mosquito Borne Blood Disease) है जो प्लास्मोडियम परजीवी (Plasmodium Parasites) के कारण होता है।
- यह मुख्य रूप से अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और एशिया के उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- इस परजीवी का प्रसार संक्रमित मादा एनाफिलीज़ मच्छरों (Female Anopheles Mosquitoes) के काटने से होता है।
- मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद, परजीवी शुरू में यकृत कोशिकाओं के भीतर वृद्धि करते हैं उसके बाद लाल रक्त कोशिकाओं ( Red Blood Cells- RBCs) को नष्ट हैं जिसके परिणामस्वरूप RBC की क्षति होती है।
- ऐसी 5 परजीवी प्रजातियांँ हैं जो मनुष्यों में मलेरिया संक्रमण का कारण होती हैं, इनमें से 2 प्रजातियाँ - प्लाज़्मोडियम फाल्सीपेरम (Plasmodium falciparum) और प्लास्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) है जिनसे मलेरिया संक्रमण का सर्वाधिक खतरा विद्यमान होता है।
- मलेरिया के लक्षणों में बुखार और फ्लू जैसे लक्षण शामिल होते हैं, जिसमें ठंड लगना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और थकान महसूस होती है।
- इस रोग की रोकथाम एवं इलाज़ दोनों ही संभव है।
मलेरिया का टीका:
- RTS,S/AS01 जिसे मॉसक्यूरिक्स (Mosquirix) के नाम से भी जाना जाता है जो एक इंजेक्शन वैक्सीन है। इस टीके को एक लंबे वैज्ञानिक परीक्षण के बाद प्राप्त किया गया है जोकि सुरक्षित है। इस टीके के प्रयोग से मलेरिया का खतरा 40 प्रतिशत तक कम हो जाता है तथा इसके परिणाम अब तक के टीकों में सबसे अच्छे देखे गए हैं।
- इसे ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GlaxoSmithKline- GSK) कंपनी द्वारा विकसित किया गया था तथा वर्ष 2015 में यूरोपियन मेडिसिन एजेंसी (European Medicines Agency) द्वारा अनुमोदित किया गया।
- RTS,S वैक्सीन मलेरिया परजीवी, प्लाज़्मोडियम पी. फाल्सीपेरम (Plasmodium (P.) falciparum) जोकि मलेरिया परजीवी की सबसे घातक प्रजाति है के विरुद्ध प्रतिरक्षा प्रणाली को विकसित करती है।
ई -2025 पहल:मलेरिया के बारे मे
- वर्ष 2017 में WHO द्वारा ई-2025 पहल की शुरुआत की गई। इस पहल का उद्देश्य वर्ष 2020 तक ऐसे देशों के समूह का समर्थन करना है जो अपने यहाँ मलेरिया के मामलों को जीरो स्तर तक लाने हेतु प्रतिबद्ध है।
- इस पहल के द्वारा पांँच क्षेत्रों में से कुल 21 देशों की पहचान की गई जहाँ मलेरिया को खत्म करने की संभावनाएँ विद्यमान थी।
- ‘ज़ीरोइंग इन ऑन मलेरिया एलिमिनेशन' रिपोर्ट, ई -2025 पहल के तहत हुई अब तक मलेरिया उन्मूलन प्रगति को दर्शाती है।
- ई-2020 की सफलताओं को ध्यान में रखते हुए WHO द्वारा ऐसे 25 देशों के समूह की पहचान की गई है जो आने वाले पांँच वर्षों में अपने यहाँ मलेरिया को पूरी तरह से समाप्त करने में सक्षम है।
- ई -2025 पहल में शामिल देशों को WHO और उसके सहयोगियों से तकनीकी और अन्य सहयोग प्राप्त होगा। बदले में इस देशों से अपेक्षा की जाती है कि वे अपने मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रमों का प्रतिवर्ष ऑडिट करें, मलेरिया उन्मूलन से संबंधित मंचों पर साझेदारी करे, निगरानी और आकलन करें तथा मलेरिया से संबंधित मामले के आंँकड़ों को समय-समय पर साझा करें।
- ई -2025 पहल में शामिल नए देशों का चुनाव में निम्नलिखित चार मानदंडों को आधार बनाया गया:
- सरकारी सहायता प्राप्त उन्मूलन योजना की स्थापना।
- हाल के वर्षों में संबंधित देश द्वारा मलेरिया के मामले में निर्धारित कमी को पूरा करना।
- संबंधित देश में मलेरिया उन्मूलन हेतु मज़बूत मलेरिया निगरानी और एक नामित सरकारी एजेंसी क्षमता का होना।
- संबंधित देश को डब्ल्यूएचओ मलेरिया उन्मूलन ओवरसाइट समिति (WHO Malaria Elimination Oversight Committee) द्वारा चयनित किया जाना।
भारतीय परिदृश्य: मलेरिया से संबन्धित
- भारत में मलेरिया की स्थिति: WHO द्वारा प्रकाशित विश्व मलेरिया रिपोर्ट 2020 में वैश्विक स्तर पर मलेरिया के अनुमानित मामले को दर्शाया गया है साथ ही रिपोर्ट में भारत में मलेरिया से संबंधित आंँकड़ों को भी प्रकाशित किया गया है जिनके अनुसार, भारत में मलेरिया के मामलों के कमी दर्ज़ की गई है।
- भारत एकमात्र ऐसे उच्च स्थानिक देश (High Endemic Country) है जहाँ मलेरिया के मामलों में वर्ष 2018 की तुलना में वर्ष 2019 में 17.6% की गिरावट दर्ज की गई है।
मलेरिया उन्मूलन हेतु प्रमुख पहलें:
- वर्ष 2017 में, देश में मलेरिया उन्मूलन हेतु 5 वर्षीय राष्ट्रीय रणनीतिक योजना शुरू की गई जिसमें मलेरिया नियंत्रण से मलेरिया उन्मूलन पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस योजना में वर्ष 2022 तक भारत के 678 ज़िलों में से 571 ज़िलों में मलेरिया को समाप्त करने हेतु रोडमैप तैयार किया गया।
- हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research- ICMR) द्वारा मलेरिया उन्मूलन अनुसंधान गठबंधन-भारत (Malaria Elimination Research Alliance-India) की स्थापना की गई है जो मलेरिया नियंत्रण पर काम करने वाले भागीदारों का एक समूह है।
वर्ष 2021 के लिये विश्व मलेरिया दिवस की थीम ‘रीचिंग द ज़ीरो मलेरिया टारगेट’ (Reaching the Zero Malaria target) है।
मलेरिया
- प्रत्येक वर्ष 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day) के रूप में मनाया जाता है।
- WHO द्वारा अपनी ‘ई-2025 पहल’ (E-2025 Initiative) के तहत ऐसे 25 देशों की पहचान की गई है जिन्हें वर्ष 2025 तक मलेरिया मुक्त देश बनाना है।
- यह प्लास्मोडियम परजीवियों (Plasmodium Parasites) के कारण होने वाला मच्छर जनित रोग है।
- यह परजीवी संक्रमित मादा एनोफिलीज़ मच्छर (Anopheles Mosquitoes) के काटने से फैलता है।
- यह रोग मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में पाया जाता है।
- वेक्टर नियंत्रण (Vector Control) मलेरिया संचरण को रोकने और कम करने का मुख्य तरीका है।
- विश्व भर में दर्ज किये जाने वाले मलेरिया के कुल मामलों के सिर्फ 4% मामले भारत में दर्ज होते हैं।
- भारत में दर्ज किये जाने वाले कुल मामलों में से लगभग 50% ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़ व पश्चिम बंगाल में दर्ज किये गए है।
- संक्रमण जलवायु परिस्थितियों जैसे- वर्षा का पैटर्न, तापमान और आर्द्रता आदि पर भी निर्भर करता है क्योंकि ये परिस्थितियाँ मच्छरों की संख्या और उनके अस्तित्व को प्रभावित कर सकती हैं।
- वर्ष 2000 के बाद से वैश्विक स्तर पर मलेरिया के मामलों और इससे होने वाली मृत्यु दर में क्रमशः 36 और 60 प्रतिशत की गिरावट आई है।
- वर्ष 2017 में विश्व के 86 देशों में मलेरिया के 219 मिलियन मामले दर्ज किये जबकि वर्ष 2000 में दर्ज 262 मिलियन दर्ज किये गए थे।
- रिपोर्ट के अनुसार अफ्रीका, एशिया और लैटिन अमेरिका के 55 देशों में मलेरिया के मामलों में वृद्धि हो रही है।
- रिपोर्ट के अनुसार, मलेरिया के मामलों में असमानता विद्यमान है, वर्ष 2017 में विश्व के 29 देशों में सबसे अधिक मामले दर्ज किये गए जिनमें 27 देश अफ्रीका के हैं। कुल वैश्विक मामलों में से 36% मामले नाइज़ीरिया (Nigeria) व कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य (Democratic Republic of Congo) में दर्ज किये गए।
पृष्ठभूमि
- भारत में मलेरिया के खिलाफ लड़ाई में प्रमुख मोड़ 2015 में पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (East Asia Summit) के दौरान आया, जब इसने 2030 तक इस बीमारी को खत्म करने का संकल्प लिया।
- इस सार्वजनिक घोषणा के बाद, भारत ने मलेरिया उन्मूलन के लिये पंचवर्षीय राष्ट्रीय सामरिक योजना (National Strategic Plan for Malaria Elimination) की शुरुआत की।
- इसने मलेरिया ‘नियंत्रण’ से ‘उन्मूलन’ की ओर ध्यान केंद्रित करने के लिये एक बदलाव को स्पष्ट रूप से प्रदर्शित किया।
- यह योजना 2022 तक भारत के 678 ज़िलों में से 571 में मलेरिया को समाप्त करने का लक्ष्य हासिल करने के लिये एक रोडमैप प्रदान करती है।
स्रोत:
डाउन टू अर्थ
drishtiias आर्टिक्ल